इन टोटको से भी पा सकतें है जीवन की समस्याहो से छुटकारा...

हम सभी के जीवन में कुछ न कुछ परेशानियां आती ही रहती है। इन परेशानियों का इलाज़ हमेशा सहज नहीं होता है इसके लिए कुछ टोटके अपनाने पड़ते है। अगर आप भी इसी तरह की समस्याओं से झूझ रहे है तो हमारे द्वारा दिए जा रहे ये तांत्रिक टोटके अपनाकर आप कुछ हद तक अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते है। जिस घर में जब कोई रोग आ जाता है तो उस रोगी के साथ साथ उस घर के सभी व्यक्ति भी मानसिक रूप से चिंता और आशांति का अनुभव करने लगते है, लेकिन कुछ छोटी छोटी बातो को ध्यान में रखकर हम हालात पर काबू पा सकते है , शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते है।

* बाजार से कपास के थोड़े से फूल खरीद लें। रविवार शाम 5 फूल, आधा गिलास पानी में साफ कर के भिगो दें। सोमवार को प्रात: उठ कर फूल को निकाल कर फेंक दें तथा बचे हुए पानी को पी जाएं। जिस पात्र में पानी पीएं, उसे कहीं पर भी उल्टा कर के रख दें। कुछ ही दिनों में आश्चर्यजनक स्वास्थ्य लाभ अनुभव करेंगे।

* अगर घर किसी छोटे बच्चे को नज़र लग जाने की वजह से तेज बुखार आया है या लगातार रो रहा है तो हाथ में चुटकी भर रक्षा लेकर बृहस्पतिवार को “ओम चैतन्य गोरखनाथ नमः” मंत्र का जाप 108 बार करे तथा उसे पुडिया में बंद कर काले रेशमी धागे से बच्चे के गले में बांध दे। इससे बच्चों को बुरी नज़र का खतरा कम हो जाता है।

* हिन्दु धर्म शास्त्रो में महामृत्युञ्जय मंत्र को अत्यन्त शक्तिशाली माना गया है। किसी भी रोग में इसका जाप परम फलदायी कहा गया है इसे रोग निवारक या रोग मुक्ति मन्त्र भी कहते है । नित्य प्रात: स्नान के पश्चात सफ़ेद वस्त्र धारण करके ईशान या पूर्व दिशा की तरफ मुख करके रुद्राक्ष की माला से इस मन्त्र जप करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है, असाध्य से असाध्य रोग भी दूर होते है।

* यदि एक स्वस्थ्य व्यक्ति अचानक अस्वस्थ्य हो जायें और उस पर चिकित्सा का प्रभाव नहीं हो रहा है तो समझना चाहिए कि उक्त व्यक्ति नजरदोष से ग्रसित है। ऐसी स्थिति में एक साबूत नींबू के उपर काली स्याही से 307 लिख दें और उस व्यक्ति के उपर उल्टी तरफ से 7 बार उतारें। इसके पश्चात उसी नींबू को चार भागों में इस प्रकार से काटें कि वह नीचें से जुड़े रहें। और फिर उसी नींबू को घर से बाहर किसी निर्जन स्थान पा फेंक दें। यह उपाय करने से पीडि़त व्यक्ति शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जायेगा।

* यदि घर में पुत्र बीमार हो तो कन्याओं को हलवा खिलाएं एवं पीपल के पेड़ की लकड़ी को सिरहाने रखें।