किसी भी दंपत्ति के लिए सबसे ज्यादा खुशी का पल होता है जब उनकी संतान का जन्म होता हैं। संतान प्राप्ति का सुख जीवन के अनमोल पलों में से एक हैं और इस सुख की कामना हर दंपत्ति करता हैं। अधिकांश लोगों को खुशी के ये पल आसानी से नसीब हो जाते हैं लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जिनके अथक प्रयास के बाद भी उनको संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। तो अगर आप भी संतान सुख की कामना रखते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी इस कामना की पूर्ती करें। तो आइये जानते हैं संतान प्राप्ति के उन उपायों के बारे में।
* संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक श्री गणपति की मूर्ति पर बिल्ब फल चढ़ाए। इसके बाद 11 माला इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करे – “ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:”। इस उपाय को कम से कम 45 दिनों तक प्रतिदिन करने से फल प्राप्ति होती है। ध्यान रहे कि यह साधना बीच में खंडित नहीं होनी चाहिए। लगातार 45 दिनों तक सच्चे मन से मंत्र का जाप करना फलदायी बनता है।
* यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा।
* संतान प्राप्ति के लिए किसी बालक के पहली बार टूटे हुए दूध के दांत को लेकर, जो स्त्री इसे श्वेत वस्त्र में लपेट कर बाईं भुजा से बांधती है उसे संतान प्राप्ति के योग बनते हैं। मनोकामना पूर्ण होने तक प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व बाल-कृष्ण का 15 मिनट तक नियमित ध्यान अनिवार्य है।
* संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं। शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी।
* नि:संतान महिला को पुष्य नक्षत्र में असगन्ध की जड़ को उखाड़कर गाय के दूध के साथ सिल पर पीसकर पीना है। ऋतुकाल के उपरांत शुद्ध होने पर इस दूश को पीते रहने से स्त्री को पुत्र की प्राप्ति होती है।
* पलाश (टेशू) के पांच कोमल पत्ते किसी स्त्री के दूध में पीसे और जो बांझ स्त्री मासिक धर्म के चौथे दिन स्नान करके उसे खा लेगी, वह निश्चित ही माता बनने का सौभाग्य प्राप्त करती है।