हमारे शास्त्रों में ऐसे कई नियम बताये गए है जो प्राचीनकाल से चले आ रहे हैं और आज भी चले आ रहे हैं। ये नियम हमारे जीवन की उन्नति के बड़े काम आते हैं। इन नियमों के बारे में हमें हमारे बुजुर्गों से पता चलता रहता हैं और इनको अनसुना करना हमारे लिए बड़ी हानि का कारण होता हैं। आज हम आपको शास्त्रों में उल्लेखित उन कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको करने से समृद्धि हमारा साथ छोड़ देती हैं और हमें ठोकरें खानी पड़ती हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में जिनसे परहेज करने में ही भलाई हैं।
* संध्या यानी शाम के समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है।
* रात को दही खाना स्वास्थ्य और किस्मत दोनों के लिए अनुकुल नहीं रहता है।
* संध्या समय किया हुआ भोजन रोग उत्पन्न करता है। शाम के समय भोजन व सोने से धन हानि होती है।
* अमावस्या, सक्रांति, ग्रहण, पूर्णिमा आदि पर्वकाल के दिन पेड़-पौधे आदि को नहीं काटना चाहिए काटने से ब्रह्म हत्या का पाप लगता है।
* भीगे पैर नहीं सोना चाहिए, भीगे पैर सोने से धन हानि होती है। समृद्धि कभी नहीं आती है।
* दिन में नहीं सोना चाहिए, दिन में सोने से रोग उत्पन्न होते है सुश्रुत संहिता अनुसार सभी ऋतुओं में दिन में सोना निषिद्ध है पर ग्रीष्म ऋतु में दिन में सोना निषिद्ध नहीं है।