अगर आप है संतान सुख से वंचित तो करें ये ज्योतिषीय उपाय

दुनिया में कहा जाता है कि "सारे सुख एक तरफ और माँ बनाने का सुख एक तरफ"। और यह है भी बिल्कुल सच क्योंकि हर औरत की ख्वाहिश होती है कि वो माँ बने। लेकिन कभी-कभी किसी की संतान प्राप्ति ये ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाती या बहुत समय लग जाता हैं। इसके लिए लोग डाक्टर और नीम-हकीम के चक्कर काटने लग जाते हैं जो कि जायज भी है क्योंकि उन्हें संतान की ख्वाहिश होती हैं। लेकिन आप कुछ ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर भी अपना भाग्य चमका सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं संतान प्राप्ति के लिए किये जाने वाले ज्योतिषीय उपायों के बारे में। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

* संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।

* अगर शादी के कई सालों तक संतान नहीं हो रही है तो मदार की जड़ शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे स्त्री की कमर में बांध दें।

* यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा।

* जिन महिलाओं की संतान गर्भ में ही समाप्त हो जाती है वं मंगलवार को इक्कीस पान के पते लाएं। उन पर सिंदूर से राम लिखें फिर उन्हें हनुमान मंदिर ले जाएं और लाल कपड़े मं बांध लें और या तो बहते पानी में प्रवाहित करें अथवा पीपल के वृक्ष में चढा दें। आपका काम पूर्ण होगा।

* संतान प्राप्ति की इच्छुक महिला प्रतिदिन स्नानादि से निवृत होकर एक माह तक श्री गणपति की मूर्ति पर बिल्ब फल चढ़ाए। इसके बाद 11 माला इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करे – “ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नम:”। स उपाय को कम से कम 45 दिनों तक प्रतिदिन करने से फल प्राप्ति होती है। ध्यान रहे कि यह साधना बीच में खंडित नहीं होनी चाहिए। लगातार 45 दिनों तक सच्चे मन से मंत्र का जाप करना फलदायी बनता है।

* स्त्री में कमी के कारण संतान होने में बाधा आ रही हो, तो लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए। लाल या भूरा कुत्ता पालना भी शुभ रहता है।

* पति-पत्नी, दोनों गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें और व्रत रखें। इस दिन पीली वस्तुओं का दान करें और पीला भोजन ही करें।

* जिन विवाहित स्त्री-पुरुषो के कोई संतान नहीं है वे किसी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को एक पीतल की भगवान् लड्डू गोपाल की मूर्ति लाएं और रोज उस मूर्ति की उसी प्रकार से पालन व सेवा करें जैसे माता-पिता अपनी संतान की सेवा करते हैं। बाल्य अवस्था में रोज उस मूर्ति को थाली के बीचो बीच रखकर स्नान कराएं, वस्त्र पहनाएं और भोग लगाकर फिर आप भोजन करें। जल्दी ही आपकी गोद भरेगी।

* संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं। शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी।