सूर्य के सबसे निकटतम बुध ग्रह है। इसका हमारे जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है। पौराणिक चरित्रों में चंद्रमा के पुत्र हैं बुध। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म के समय मौजूद नक्षत्र, ग्रहों की स्थिति और गोचर के आधार पर ही व्यक्ति की जन्म कुंडली बनती है और कुंडली के अनुसार ही जीवन चलता है। अगर कुंडली मै ग्रहो की स्थिति अच्छी है तो शुभ फल प्राप्त होता है और अगर ग्रहो की स्थिति ख़राब है तो अशुभ फल प्राप्त होता है। आज हम आपको कमजोर या खराब स्थिति में बैठे बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है, इससे जुड़े कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।
* हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किन्नरों को कभी दुखी नहीं करना चाहिए। किसी भी शुभ काम, जैसे विवाह या संतान का जन्म, के अवसर पर किन्नरों का आशीर्वाद प्राप्त करना और उन्हें दान देना आवश्यक माना जाता है। बुध ग्रह के दोषों को दूर करने का उपाय भी किन्नरों से ही संबंधित है।
* बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए।
* बुधवार के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू चढ़ायें। बुधवार को गाय को हरा चारा खिलायें। कांसे का कड़ा पहनें। ऊँ गं गणपतये नम: का जप करें।
* बुध ग्रह की शांति के लिए हरा वस्त्र, हरी सब्जी, हरे मूंग की दाल एवं हरे रंग की वस्तुओं दान करना चाहिए।
* ताबें के प्लेट में छेद कर बहते पानी में बहायें, दुगा उपासना करें, अपने भोजन में से एक हिस्सा गाय को एक हिस्सा कुत्तों को दें।
* कच्ची मिट्टी की सौ गोलियां बनाकर एक गोली प्रतिदिन धर्म स्थल में पहुंचानी चाहिएं। खांड से भरा मिट्टी का बर्तन भूमि में दबाना चाहिए। कान में स्वर्ण धारण करें। काला,सफेद कुत्ता पाले। शुध्द चांदी का छल्ला भी धारण करे।
* बुध के कष्ट को कम करने के लिए और अशुभता घटाने के लिए अथवा उसके बल को बढाने के लिए गणपति आराधना करें। यह दोनों काम करेगा अशुभता भी कम करेगा और बल भी बढ़ाएगा जिससे स्थिति कोई हो लाभ अवश्य होगा।
* चींटी, चिड़ियों, गिलहरियां, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड और गाय, कुत्तों को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति प्राप्त होगी। अत: पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने से ग्रहों की शांति होती हैं। मूंग की दाल से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है।