शारिरीक कष्टों से पायें छुटकारा इन ज्योतिषीय टोटको से

सुख व दु:ख जीवन के दो रंग हैं। कभी सुख आता है तो कभी दु:ख। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके भाग्य में सिर्फ दु:ख ही दु:ख होता है। वे अपना जीवन परेशानी में ही बिताते हैं और हर बात के लिए अपने भाग्य को कोसते रहते हैं। और ऐसे समय में वे कई बिमारियों से भी ग्रसित हो जाते हैं। किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर अक्सर लोग डॉक्टर के पास जाते हैं और उनकी सलाह के अनुसार दवाएं आदि लेते हैं। परंतु कई बार इलाज के बावजूद रोग दूर नहीं होते। बीमारी की मूल वजह दूर किए बिना केवल बाहरी इलाज कराने से ही ऐसे प्रयास बेकार जाते हैं। ऐसे में कुछ ज्योतिषीय उपाय बेहद कारगर सिद्ध हो सकते है। आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

* नींबू लेकर रोगी के सिर से 7 बार उल्टा घुमायें। एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुये नींबू को बीच से काट दें। दोनों टुकड़े दॊ दिशा मे संध्या समय फैंक दें।

* घर के किसी बीमार व्यक्ति, के ऊपर से सुई लगा नींबू वार कर चौराहे पर रख देना और सामने खड़े होकर यह प्रतीक्षा करना कि शायद कोई व्यक्ति उस नींबू को लांघ जाएगा। अगर आपकी नजरों के सामने कोई ऐसा कर लेता है तो आपको यह आश्वासन हो जाता है कि जिस व्यक्ति की लंबी उम्र की कामना किए आपने यह सब किया है, उसकी बीमारी उसे लग जाएगी जिसने नींबू को लांघा है और आपका परिजन पूरी तरह ठीक हो जाएगा। मानवीय दृष्टिकोण से तो यह सही नहीं है लेकिन जो अपने लोगों की जान बचाना चाहता है, उन्हें खुश देखना चाहता है उसे मजबूरन ऐसा करना पड़ता है।

* यदि आपको शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है 2 मुखी रुद्राक्ष, 4 मुखी रुद्राक्ष, 7 मुखी रुद्राक्ष और 14 मुखी रुद्राक्ष लाल धागे में गूंथकर धारण करना बहुत ही अनुकूल और शुभ फल दायक होता है। ऐसा 43 दिन नियमित रूप से करें।

* यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति
स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और 50 ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर 12 बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें।

* बदन दर्द हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में सिक्का चढ़ाकर उसमें लगी सिंदूर का तिलक करें। पानी पीते समय यदि गिलास में पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेंकें नहीं, गिलास में ही रहने दें। फेंकने से मानसिक अशांति होगी क्योंकि पानी चंद्रमा का कारक है।

* तीन पके हुए नीबू लेकर एक को नीला एक को काला तथा तीसरे को लाल रंग कि स्याही से रंग दे। अब तीनो नीबुओं पर एक एक साबुत लौंग गांड दे। इसके बाद तीन मोटी चूर के लड्डू लेकर तथा तीन लाल पीले फूल लेकर एक रुमाल में बांध दे अब प्रभावित ब्यक्ति के ऊपर से सात बार उबार कर बहते जल में प्रवाहित कर दे प्रवाहित करते समय आस पास कोई खड़ा ना हो।