विघ्न-बाधाएं और अमंगल दूर करने की शक्ति रखतें है स्वस्तिक से जुड़ें ये आसान उपाय

हिन्दू धर्म में कई ऐसे मांगलिक प्रतीक है जो शुभ माने जाते हैं, जिसमें से एक हैं स्वास्तिक चिन्ह। यह ऋषि-मुनियों द्वारा दिया गया ईश्वर की शक्ति से भरपूर चिन्ह हैं। आज भी किसी मांगलिक कार्य के प्रारंभ से पहले स्वास्तिक ही बनाया जाता हैं। यहाँ तक कि गणेश पुराण में स्वस्तिक चिह्न को भगवान गणेश का स्वरूप बताया गया है, जिसमें सभी विघ्न-बाधाएं और अमंगल दूर करने की शक्ति है। इसी के साथ ही इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता हैं। अगर आप भी अपने घर में बरकत और सकारात्मकता चाहते हैं तो हमारे द्वारा बताये गए ये आसान से स्वस्तिक के उपाय अपना सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

* लक्ष्मी को प्रसन्न करने में :

घर के बाहर रंगोली के साथ कुमकुम, सिंदूर या रंगोली से बनाया गया स्वस्तिक मंगलकारी होता है। इसे बनाने से देवी और देवता घर में प्रवेश करते है।

* व्यापार में बरकत :

घर के उत्तर पूर्वी कोने को गंगाजल और गौमूत्र से शुद्ध करे फिर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं। अब यहा गुड़ का प्रसाद चढ़ाये और फिर कुछ देर बाद उसे गाय माँ को खिला दे। व्यापार और रोजगार में तरक्की होने लगेगी।

* घर में लाये सकारात्मकता :


अपने घर में मुख्य द्वार के दोनों तरफ कुमकुम और हल्दी को मिलाकर स्वस्तिक बनाये,अब उनके ऊपर एक एक मुट्ठी चावल रखे और इस पर पूजा की गयी सुपारी और कलावा रखे, अगर आप नवरात्री के पहले दिन घट की स्थापना से पहले ये उपाय करते है तो ये बहुत शुभ होता है।

* मनोकामना पूर्ण करने के लिए :

यदि आप मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो किसी भी मंदिर में कुमकुम या गोबर का उल्टा स्वास्तिक चिन्ह बना लें और जैसे ही आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब आप मंदिर में सीधा स्वास्तिक बनाएं।

* नकारात्मकता को रखें बाहर :

अपने घर के बाहर अच्छे से साफ़ सफाई करके सफ़ेद रंग की रंगोली से स्वस्तिक बनाये। इससे आपके घर में दैवीय शक्तियों का प्रवेश होता है और आपके घर में कोई भी नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती है, इसे आपके जीवन की सभी समस्याए दूर हो जाती है।

* पितरों को खुश रखने के लिए :

घर में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में पितरों की कृपा और सुख व समृद्धि के साथ शान्ति भी आती है।