अगर आप भी रोज़-रोज़ के गृह कलेश से है परेशान तो एक बार इन उपायों को करके देखे, होगा फायदा

'गृह कलह' यह शब्द सुनते ही मन में निराशा छा जाती हैं। कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि उसके घर में गृह कलह हो। ओर तो ओर जिस घर में गृह कलह होता है, वहाँ माँ लक्ष्मी का वास नहीं हो पाता। हर व्यक्ति यही कामना करता है कि उसके घर में सुख-शांति बनी रहे। लेकिन परिवार में होने वाले क्लेश से व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों से भरा रहता हैं। इन गृह कलह से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताये गए हैं जिन्हें करने से कलह दूर होता हैं। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

* आप किस दिशा में सिर और पैर करके सोते हैं यह गृह कलह में काफी अहम भूमिका निभाता है। गृह कलह से मुक्ति के लिए रात को सोते समय पूर्व की और सिर रखकर सोए। इससे आपको तनाव से राहत मिलेगी। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

* घर का प्रवेश द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। प्रवेश द्वार के समक्ष सीढियां व रसोई नहीं होनी चाहिए। प्रवेश द्वार भवन के ठीक बीच में नहीं होना चाहिए। भवन में तीन दरवाजे एक सीध में न हो।

* हनुमान जी की नियमित रूप से की गई उपासना आपको सभी प्रकार के संकट और गृह कलह से दूर रखता है। यदि कोई महिला गृह कलह से परेशान हैं तो भोजपत्र पर लाल कलम से पति का नाम लिखकर तथा ‘हं हनुमंते नम:’ का 21 बार उच्चारण करते हुए उस पत्र को घर के किसी कोने में रख दें। इसके अलावा 11 मंगलवार नियमित रूप से हनुमान मंदिर में चोला चढाएं एवं सिंदूर चढाएं। ऐसा करने से परेशानियों से राहत प्राप्त होगी।

* भवन में कांटेदार वृक्ष व पेड़ नहीं होने चाहिए ना ही दूध वाले पोधे-कनेर, आॅकड़ा केक्टस आदि। इनके स्थान पर सुगन्धित एवं खूबसूरत फूलों के पौधे लगाए।

* मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्ह जैसे स्वास्तिक, ऊँ आदि अंकित करने के साथ-साथ गणपति लक्ष्मी या कुबेर की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए ।

* प्रतिदिन सुबह में स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने बैठकर शिव उपासना करें। आप ‘ऊँ नम: सम्भवाय च मयो भवाय च नम:। शंकराय च नम: शिवाय च शिवतराय च:।।’ मंत्र का 108 बार उच्चारण कर सकते हैं। इसके बाद आप शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। ऐसा नियमित करने से प्पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में सुख शांति बनी रहती है।

* घर का प्लास्टर उखड़ा हुआ नहीं होना चाहिए चाहे वह आंगन का हो, दीवारों का या रसोई अथवा शयनकक्ष का। दरवाजे एवं खिड़किया भी क्षतिग्रस्त नहीं होनी चाहिए। मुख्य द्वार का रंग काला नहीं होना चाहिए। अन्य दरवाजों एवं खिडकी पर भी काले रंग के इस्तेमाल से बचें।

* यदि किसी घर में पति-पत्नी या बाप-बेटे के बीच कलह है या किसी भी बात पर विवाद चल रहा है तो इसमें गणेश उपासना फायदेमंद रहेगी। वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने के लिए आप नुक्ति के लड्डू का भोग लगाकर प्रतिदिन श्री गणेश जी और शक्ति की उपासना करे।