सर्वपितृ अमावस्या पर पा सकते हैं पितृ दोष से मुक्ति, जरूर करे ये 4 उपाय

पितृ दोष कोई सामान्य दोष नहीं होता हैं, इसकी वजह से व्यक्ति का भाग्य और किस्मत उससे रूठ जाती हैं। ऐसे में व्यक्ति को सभी कामों में विफलता ही प्राप्त होती हैं। इसलिए जितना जल्दी हो सकें पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय किये जाने चाहिए। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या अर्थात भूतड़ी अमावस्या से बेहतर दिन हो ही नहीं सकता हैं। इस दिन किए गए कुछ उपाय आपको पितृ दोष से मुक्ति दिला सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।

* सर्वपितृ अमावस्या के दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए।

* सर्वपितृ अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें। उसके बाद पितृसूक्त का पाठ करना शुभ फल प्रदान करता है।

* प्रत्येक संक्रांति, अमावस्या और रविवार के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए तीन बार अर्घ्य दें।

* त्रयोदशी को नीलकंठ स्तोत्र का पाठ करना, पंचमी तिथि को सर्पसूक्त पाठ, पूर्णमासी के दिन श्रीनारायण कवच का पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दिवंगत की पसंदीदा मिठाई तथा दक्षिणा सहितभोजन कराना चाहिए। इससे पितृ दोष में कमी आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।