शास्त्रों को हमारे जीवन की आधारशिला माना जाता हैं क्योंकि शास्त्रों में हमारे जीवन से जुड़े हर पहलू के बारे में संक्षिप्त में बताया गया हैं। ऐसा ही एक विषय है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं और वो हैं रसोई में उपयोग में लिए जाने वाले बर्तनों के बारे में। वर्तमान समय में आधुनिकीकरण के कारण रसोई में अधिकांशत: एल्युमिनियम और प्लास्टिक के बर्तन काम में लिए जाते हैं। जिसे सेहत औए शास्त्रों के हिसाब से ठीक नहीं माना जाता हैं। तो चलिए जानते हैं शास्त्रों में क्या बताया गया है कि किस तरह के बर्तन में भोजन करना सही रहता हैं।
* लोहे के बर्तन आयुर्वेद के अनुसार, लोहे के बर्तनों में भोजन करने से शरीर में कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। साथ ही, इससे शरीर में लौह तत्व की मात्रा बढ़ती है हिमोग्लोबिन का स्तर ठीक रहता है व पाचन संबंधित दिक्कते खत्म हो जाती हैं। घर में शांति रहती है और काम में तेजी से तरक्की होती है।
* कांसे व पीतल के बर्तन कांसे के बर्तनों में जो भोजन बनता है उसमें 97 % पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं। पीतल के बर्तन में बनने वाले भोजन में 92 % पोषक तत्व बरकरार रहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कांसे के बर्तन में भोजन करने से दिमाग तेज होता और भूख भी बढ़ती है। कांसे के बर्तनों में भोजन करने से रक्त पित्त ठीक होता है। पीतल के नक्काशीदार व सुंदर बर्तन उपयोग करने व इनमें भगवान विष्णु को भोग लगाने से घर में हमेशा बरकत रहती है।
* सोने चांदी के बर्तन कोई अगर थोड़े महंगे बर्तन खरीद सकता है तो चांदी के बर्तनों में भोजन करना काफी फायदेमंद होता है। चांदी की तासीर ठंडी होती है। इसलिए चांदी के बर्तन में भोजन करने से शरीर की गर्मी शांत होती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं। जबकि सोने के बर्तन में खाना खाने से शरीर मजबूत और ताकतवर होता है। पुरुषों के लिए सोने के बर्तनों में खाना खाना बहुत ही लाभदायक माना गया है।
* मिट्टी के बर्तन मिट्टी के बर्तन में दाल 25 मिनट के अंदर धीमी आंच पर पक जाती है। इसलिए दाल को मिट्टी के बर्तन मंन पकने के लिए रखकर घर का काम करते रहिए। एक बार मिट्टी की हांड़ी में पकी दाल खाकर देखिए यह इतनी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है कि आप इस स्वाद को कभी, भूल नहीं पाएंगे। इसी तरह मिट्टी के तवे पर बनी रोटी व मटके का पानी न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि आपको जीवन भर स्वस्थ बनाए रखता है।
* पत्तल में भोजन करना शास्त्रों में पत्तल में भोजन करना काफी अच्छा बताया गया है। इसमें भोजन करने से भूख बढ़ती है और पेट की जलन भी खत्म होती है। ताजे पत्तों की बनी पत्तल में भोजन करने से शरीर के जहरीले तत्व भी खत्म होते हैं। शास्त्रों में माना गया है कि सुंदर पत्तल में देवताओं को भोजन करवाने से वे प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा समृद्धि बनी रहती है।