शास्त्रों को इंसान के जीवन की आधारशिला कहाँ जाए तो गलत नहीं होगा। क्योंकि शास्त्रों में कही गई बातें हमारे जीवन में बहुत उपयोगी साबित होती हैं। हांलाकि आजकल की युवा पीढ़ी इनसे जुडी बातों और अन्धविश्वास से दूरी बनाये रखना चाहती हैं। लेकिन कहीं ना कहीं वे थोडा इन्हें मानते भी हैं। तभी तो आज भी शास्त्रों में वर्णित कुछ काम ऐसे बताये गए हैं जिन्हें सिर्फ पुरुष कर सकते हैं, स्त्रियाँ नहीं। उन कामों आज भी स्त्रियाँ नहीं करती हैं। तो चलिए जानते हैं उन कामों के बारे में जो स्त्रियों के लिए निषेध हैं और सिर्फ पुरुष ही कर सकते हैं।
* नारियल फोड़ना नारियल के बारे में माना जाता है कि यह लक्ष्मी और उर्वरा का प्रतीक है। इसलिए शास्त्रों में महिलाओं के लिए नारियल फोड़ने की मनाही है। आपने देखा भी होगा कि मंदिरों और दूसरे शुभ कार्यों में सिर्फ पुरुष ही नारियल फोड़ते हैं महिलाएं नहीं।
* जनेऊ धारण करना महिलाएं जनेऊ बना सकती हैं लेकिन जनेऊ धारण का विधान सिर्फ पुरुषों के लिए है। महिलाओं का यज्ञोपवित नहीं होता है।
* बलि देना देवताओं के लिए बलि प्रदान का कार्य हमेशा पुरुष करते हैं। महिलाओं के लिए इस कार्य की मनाही है।
* ओम मंत्र का जप शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को ओम मंत्र का जप नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि ओम मंत्र के जप से नाभि क्षेत्र पर दबाव पड़ता है जो महिलाओं के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इसलिए महिलाओं को मंत्र जप के समय ओम मंत्र को छोड़कर सीधे मंत्र का जप करना चाहिए जैसे ओम नमः शिवाय की जगह नमः शिवाय।
* हनुमान जी की पूजा हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है इसलिए हनुमान जी की पूजा तो महिलाएं कर सकती हैं लेकिन महिलाओं के लिए हनुमान जी का स्पर्श करने की शास्त्रों में मनाही है।
* गायत्री मंत्र का जप गायत्री मंत्र को शापित मंत्र माना जाता है। इसलिए शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र का जप भी महिलाओं के लिए वर्जित है। लेकिन आज कल महिलाएं भी गायत्री मंत्र का जप करने लगी हैं। इसके पीछे गायत्री परिवार के सदस्य यह कहते हैं कि गायत्री परिवार के प्रमुख आचार्य श्री रामशर्मा ने इस मंत्र को शाप मुक्त कर दिया है।
* साबूत कुम्हरा और सीताफल काटना ऐसी भी मान्यता है कि साबूत कुम्हरा और सीताफल महिलाओं को नहीं काटना चाहिए। इसे पहले पुरूष काटते हैं या फोड़ते हैं तब महिलाएं इसे काट सकती हैं।