इन 7 कारणों से संतान भटक जाती है राह

प्रत्येक व्यक्ति के विवाह के बाद चाह रहती है कि उसके घर में सर्वगुण सम्पन संतान जन्म ले जो उसका व उसके परिवार का नाम देश व समाज में रोशन करे । जिसकी प्राप्ति के लिए वह देवताओ के दरबार में मिन्नत मांगता है, संतान प्राप्ति के बाद खुद कष्ट पाकर, भूखा रहकर उसकी समस्त जरूरतों को पूरा करता है, परंतु जब वही संतान बड़ी होकर व्यक्ति की इच्छाओ के अनुरूप न चलकर बुरी संगति के पड़ जाती है तो वह बहुत दुखी हो जाता है।

मुख्यतः यह 7 कारण है जब संतान राह भटक जाती है ।

1. जन्मपत्रिका में सूर्य निर्बल अवस्था या तुला राशि में स्थित हो
2. जन्मपत्रिका के चतुर्थ भाव में तुला राशि में सूर्य स्थित हो या किसी भी राशि में चतुर्थ भाव में मंगल, शनि, राहु या केतु स्थित हो
3. घर का वायव्य कोण में संतान का शयन कक्ष हो ।
4. घर का मुख्य द्वार अग्निकोण में हो ।
5. पिता भूखंड के उत्तर दिशा में तथा संतान दक्षिण में निवास करती हो ।
6. घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा के मध्य भाग से अग्नि कोण के बीच स्थित हो ।
7. भूखंड का ईशान कोण कटा हुआ हो ।