जिस भी स्त्री को बच्चे नहीं हो तो उसे बाँझ कहा जाता है। जब उसे ऐसे शब्द बोले जाते है तो वह जीते जी मर जाती है। पति की कमी का कारण भी औरत को ही समझा जाता है। डॉक्टरी इलाज कराते हुए भी बच्चा नहीं हो रहा है तो भी स्त्री को ही कसूरवार माना जाता है। इन सबका उपाय अथर्ववेद मे दिया हुआ है। तो आइये जाने इन तरीको के बारे मे
1. रविवार के दिन 'सुगंधरा की जड़' लाकर गाय के दूध के साथ पिने से बाँझ स्त्री भी गर्भवती हो जाती है।
2. माहवारी से सात दिन पुर होने के बाद 'काली अपराजिता की जड़' को दूध देने वाली गाय जिसके कुछ ही समय पहले बछड़ा हुआ हो उसके दूध मे पीसकर पिने बाँझ स्त्री को पुत्र की प्राप्ति हो जाती है।
3. निम्बू के पुराने पेड़ की जड़ को दूध मे पीसकर घी मिलाकर पिने से फिर पति के संग रहने से स्त्री को पुत्र की प्रापति होती है।
4. जिस गाय के पहला ही बच्चा हुआ हो और वह भी बछड़ा हो तो ऐसी गाय के दूध के साथ नाग केसर मिलाकर इसका चूरन सात दिन तक पिए तो स्त्री की गोद खली नहीं रहती है।
5. माहवारी के 14वे दिन पति के संग रहने से ऐसे पुत्र की प्राप्ति होती है जो अपने ऊपर नियंत्रण वाला उत्पन्न् होता है। और सदैव तपस्या करने वाला होता है।
नोट : इन सब बातो के लिए हमारे पास कोई गारंटी नहीं है।