भगवान श्रीकृष्ण से सिखने वाली यह 5 बातें

भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का अनुसरण करने के बाद एक सफल आदमी कैसे बना जा सकता हैं. उनके ऐसे कई गुण थे जिन्हें अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं. दरअसल श्रीकृष्ण के गुणों और उनके स्वभाव को देखते हुए जिन तथ्यों को आज हम आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं, उन्हें जानने के बाद स्वयं ही श्रीहरि के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण को अपना परम गुरु मानने लगेंगे. ये तथ्य उनके जीवन काल को आधार मानते हुए भी बनाए गए हैं. उनका जीवन हमें कई बातें सिखाता है.

# दोस्ती : भगवान कृष्ण ने पांडवों का साथ हर मुश्किल वक्त में देकर यह साबित कर दिया था कि दोस्त वही अच्छे होते हैं जो कठिन से कठिन परिस्थिति में आपका साथ देते हैं. दोस्ती में शर्तों के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए आपको भी ऐसे ही दोस्त अपने आस-पास रखने चाहिए जो हर मुश्किल परिस्थिति में आपका संबल बनें.

# श्रीकृष्ण का शांत स्वभाव : बचपन में तो श्रीकृष्ण नटखट थे किंतु उनका स्वभाव काफी शांत था. कंस मामा द्वारा भेजे गए सभी शत्रुओं को श्रीकृष्ण ने बड़ी सरलता से मार दिया था. उन्हें देखकर भगवान कृष्ण को बिलकुल भी क्रोध नहीं आता था। श्रीकृष्ण हर प्रहार का मुस्कुराकर जवाब देते थे.

# दूरगामी सोच : श्रीकृष्ण की ओर से बोले गए ज्ञान के श्लोकों पर आधारित भागवत गीता के अनुसार हमें सोच को संकुचित बनाने के स्थान पर दूरगामी और व्यापक बनानी चाहिए.

# हार मत मानो : श्रीकृष्ण ने हमेशा अपनी बाल लीलाओं से यह संदेश देने की कोशिश की है कि हमें कभी भी किसी से हार नहीं माननी चाहिए. अंत तक प्रयास करते रहना चाहिए, भले ही परिणाम हमें हार के रूप में मिले। किंतु अगर हम प्रयास ही नहीं करेंगे, तो वह हमारी असली हार होगी.

# मैनेजमेंट : मैनेजमेंट के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान कृष्ण. उन्होंने अनुशासन में जीने , व्यर्थ चिंता न करने और भविष्य की बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने का मंत्र दिया.