वास्तु के अनुसार चले तो प्रेगनेंसी में रहेंगी स्वस्थ 

वास्तु जीवन के हर पल पर असर डालता है। यहां तक कि वास्तु के अनुसार चला जाए तो शादी के बाद गर्भ धारण भी जल्दी किया जा सकता है और प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ भी रहा जा सकता है।

ऐसे कोई भी संतान के लिए इच्छुक जोड़े को घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे का इस्तेमाल करना चाहिए। कम से कम तब तक जब तक गर्भ धारण ना हो जाए।

प्रेग्नेंट महिला को हमेशा दक्षिण-पश्चिम कमरे में ही सोना चाहिए। अगर ऐसा संभव ना हो तो उत्तर-पूर्व दिशा का कमरा भी बेहतर रहेगा। लेकिन पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को उत्तर-पश्चिम दिशा के कमरे का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिला को हमेशा कमरे की दक्षिण दिशा की ओर ही अपना सिर करके सोना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को लाल, काला और नारंगी, ऐसे गहरे रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह हल्के रंगों जैसे- हल्का नीला, पीला, सफेद और हल्के गुलाबी रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि गहरे रंगों के इस्तेमाल से गर्भवती महिला डिप्रेशन का शिकार हो सकती है जिसका मां और बच्चे दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

घर का केंद्र या बिल्कुल बीच का हिस्सा ब्रह्मस्थान कहलाता है और इसे हमेशा खाली रखना चाहिए। घर के ब्रह्मस्थान में किसी भी तरह का भारी फर्निचर रखने से बचना चाहिए।
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