ज्योतिष में शुभ और अशुभ वेला का खासा महत्व है। ऐसे में अशुभ संकेतों को पहचाकर उनका परिहार यानी उपचार करके ही आगे बढना ठीक रहता है। आइए जानें संकेत और उनके उपचार :
# किसी शुभ कार्य पर जाते समय यदि बिल्ली रास्ता काट जाए तो घर वापस आकर या थोड़ा विश्राम कर आगे जाएं। ऐसा ग्रह-नक्षत्रों का अशुभ समय टालने के लिए किया जाता है।
# आकाश में तारे टूटते दिखाई दें तो स्वास्थ्य खराब होने की सूचना होती है। नौकरी में खतरा और आर्थिक तंगी का भी संकेत माना जाता है। सावधानी बरतें।
# यदि किसी शुभ काम पर जाते समय कोई दुष्ट प्रकृति वाला, व्याभिचारी या अन्यायी, व्याभिचारिणी सामने आ जाए तो कार्य सफल नहीं होता।
# शुभ कार्य के लिए विचार चल रहा हो तब यदि छिपकली की आवाज सुनाई दे तो काम में विफलता मिलती है। समय टालकर चलें।
# यदि घर में किसी देवता की मूर्ति टूट जाए या चित्र जल जाए तो गंभीर कष्ट हो सकता है। निवारण के लिए रामरक्षास्तोत्र अथवा दुर्गा मां की आराधना करें।
# कुत्ते का रोना या सियार के रोने से रिश्तेदार, पड़ोसी या मोहल्ले में कष्ट (मृत्यु) की आशंका रहती है।