श्रमिक ट्रेन / रात 2 बजे तक जाग कर उद्धव का इंतजार करते रहे पीयूष गोयल, लेकिन नहीं मिली ट्रेनों की लिस्ट

By: Pinki Mon, 25 May 2020 11:47:29

श्रमिक ट्रेन / रात 2 बजे तक जाग कर उद्धव का इंतजार करते रहे पीयूष गोयल, लेकिन नहीं मिली ट्रेनों की लिस्ट

प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच बहस छिड़ गई है। उद्धव ने रविवार को आरोप लगाया कि रेलवे पर्याप्त ट्रेनें उपलब्ध नहीं करवा रहा। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि हमने केंद्र से 200 ट्रेन मांगी है प्रवासी मजदूरों के लिए।

इसके जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के पास कोई लिस्ट ही नहीं आई। पीयूष गोयल ने ट्वीट कर भी कहा कि हमें लिस्ट भेजिए लेकिन रात 12 बजे यानि 25 मई शुरू होने तक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कोई भी लिस्ट रेल मंत्रालय के पास नहीं आई। रेल मंत्री ने रविवार शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक 9 बार ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार से जानकारी मांगी, लेकिन डिटेल नहीं मिल पाई। ट्रेन के लिस्ट रात 12 बजे तक नहीं आई। तो रात 12:00 बजे पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि 5 घंटे बाद भी हमारे पास राज्य सरकार की तरफ से पैसेंजर्स की लिस्ट नहीं आई है हम इंतजार कर रहे हैं और अगले 1 घंटे में वह लिस्ट भेज दी जाए।

उसके बाद लिस्ट फिर भी नहीं आई तो रात 2 बजे पीयूष गोयल ने फिर ट्वीट किया और कहा कि महाराष्ट्र से चलने वाली 125 ट्रेनों की लिस्ट कहां है? रात 2 बज चुके हैं और अब तक हमें केवल 46 ट्रेनों की लिस्ट मिली है जिसमें से पांच बंगाल और ओडिशा की हैं। इनमें से अम्फान तूफान के कारण बंगाल और ओडिशा में ट्रेन नहीं चलाई जा सकती। हम 125 ट्रेन के लिए तैयार थे फिर भी हम 41 ट्रेन नोटिफाई कर रहे हैं।

गोयल ने पहली बार शाम 7:14 बजे एक साथ 3 ट्वीट किए। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर कटाक्ष भी किया। गोयल ने कहा- उम्मीद है कि पहले की तरह ट्रेनें स्टेशन पर आने के बाद, खाली नहीं लौटेंगी।

पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट थ्रेड में बताया कि जब कोई राज्य ट्रेनों की मांग करता है तो उसे यात्रियों की लिस्ट भी देनी होती है। ताकि रेलवे अपने हिसाब से स्टेशन तय कर सके और तैयारी भी कर सके। लेकिन जब राज्य ऐसा नहीं करते तो ट्रेन देना संभव नहीं हो पाता। रेलवे को पहले से प्लानिंग करनी पड़ती है। कई बार देखा गया है कि ट्रेनें खाली भी चली हैं, ऐसे में बहुत बड़ा नुकसान होता है। इसी वजह से अब तक कुल 65 ट्रेन कैंसिल की गई हैं। रेलवे ने अब तक 520 ट्रेन रोजाना चला के 7,32,166 प्रवासी मजदूरों को अपने घर पहुंचाया है।

रेलवे के मुताबिक कुछ राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, झारखंड, केरल, राजस्थान और ओडिशा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को अनुमति देने के लिए आनाकानी कर रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र के कई शहरों से डिमांड आने पर ट्रेनें उपलब्ध कराई गईं। रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के करीबी लोगों का कहना है कि कोरोना काल में हम लगातार रात को भी काम कर रहे हैं और सोना बहुत ही कम हो पाता है।

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