लद्दाख में तनाव / ट्रंप बोले- हम मध्यस्थता के लिए तैयार, जवाब में भारत ने कही ये बात
By: Pinki Wed, 27 May 2020 5:55:59
भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच अब अमेरिका आगे आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि हम मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा 'हमने भारत और चीन को सूचना दी है कि अमेरिका मध्यस्थता के लिए तैयार है।' हालांकि भारत ने उनके प्रस्ताव को सिरे से ठुकरा दिया। अब ट्रंप ने चीन के साथ मध्यस्थता की बात कही है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले पाकिस्तान और भारत के बीच भी सीमा विवाद पर मध्यस्थता कराने की बात कही थी, जिसके बाद मामला काफी गरमाया था।
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत से भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी बढ़ रही है। भारत से लगती सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद चीन ने अपने सैनिकों को बड़ी संख्या में सीमा के पास तैनात कर दिया है। ताजा तनाव तब शुरू हुआ है जब चीन ने भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर आपत्ति जताई।
We have informed both India and China that the United States is ready, willing and able to mediate or arbitrate their now raging border dispute. Thank you!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 27, 2020
चीन ने अपने तंबू लगाये तो भारत की सेना भी सामने आ खड़ी हुई। अब खबर है कि लद्दाख में तीन-चार ऐसे फ्लैश प्वाइंट हैं जहां स्थिति गंभीर है। लेकिन हर मोर्चे पर भारतीय सेना ने अपनी बढ़त बना रखी है। भारत की तैनाती के बाद गैलवान घाटी में चीन के सैनिक कैंप में चले गए हैं।
दरअसल, लद्दाख में सालभर पहले एक सड़क बनकर पूरी हुई है। यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हालात में संपन्न हुआ जिसके बाद से चीन झल्लाया हुआ है।
चीन ने कहा सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर
इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं। दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम भी उपलब्ध हैं। हालांकि, इससे पहले अमेरिका और भारत समेत कई देशों से तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के निर्देश दिए थे जिससे लद्दाख में उसके सेना तैनात करने को आक्रामक कदम के तौर पर देखा जा रहा था।
शी ने सेना को आदेश दिया था कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। हालांकि, इस दौरान चीन ने भारत को लेकर कोई संकेत नहीं दिए थे। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव का जिक्र किया था। इसके अलावा उन्होंने ताइवान के नेताओं के साथ बातचीत और डिप्लोमेसी को बढ़ाने की भी बात की थी।
पीएम मोदी ने की थी बैठक
वहीं पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच तनाव बढ़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। इसमें बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की सैन्य तैयारियों को मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। मंगलवार को पीएम मोदी संग बैठक से पहले तीनों सेना प्रमुखों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पैंगोंग सो झील, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी की स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। जहां पिछले करीब 20 दिनों से भारत और चीन के सैनिक आक्रामक रूख अपनाये हुए हैं।