Unlock - 1.0 / मिलेगी छूट लेकिन इन नियमों का नहीं किया पालन तो हो सकती है 2 साल की सजा

By: Pinki Sat, 30 May 2020 11:49:55

Unlock - 1.0 / मिलेगी छूट लेकिन इन नियमों का नहीं किया पालन तो हो सकती है 2 साल की सजा

देश में 25 मार्च से चल रहा लॉकडाउन अब समाप्त हो गया है। देश अब तीन चरणों में खुलने वाला है। इसमें सबसे बड़ी बात यही है कि देश के सभी कंटेंनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन तय नियमों के हिसाब से जारी रहेगा।

अनलॉक करने की पहली किस्त में देश को तीन फेज में खोलने की तैयारी है। पहला फेज 8 जून से जबकि दूसरा फेज जुलाई में शुरू होगा। तीसरे अनलॉक फेज के बारे में अभी कुछ नहीं बताया गया है।

आपदा प्रबंधन कानून के तहत लगने वाला दंड और जुर्माना

गृह मंत्रालय की ओर जारी 7 पेज की गाइड लाइन में 5,6 और 7वें पेज पर बढ़ाए गए लॉकडाउन को तोड़ने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश हैं। इनमें आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें दूसरे चरण की घोषणाओं को दोहराते हुए स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना जरूरी होगा। पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा। गृह मंत्रालय ने मास गैदरिंग पर पहले की ही तरह प्रतिबंधों को जारी रखा है। ज्यादा लोगों को एक जगह पर इकट्ठा होना और समारोह करना अलाउ नहीं होगा। शादी के लिए 50 मेहमानों को अनुमति दी गई है वहीं अंतिम यात्रा में 20 लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकते। केंद्र ने गाइडलाइंस में कहा है कि अगर कोई सार्वजनिक स्थानों पर थूकता है तो राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।

गाइडलाइन में कानून तोड़ने वालों और अन्य लोगों के लिए जान-माल का खतरा पैदा करने की स्थिति में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 9 धाराओं के अनुसार एक्शन होगा। सरकारी कर्मचारियों पर आदेश न मानने की स्थिति में आईपीसी की धारा 188 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

धारा 51 के तहत : कर्मचारियों के काम में बाधा डालने आदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता या बाधा डालता है या केंद्र/राज्य सरकारों या सक्षम एजेंसी द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने से इनकार करता है तो उसे इस धारा के तहत सजा दी जा जाएगी।

उदाहरण के लिए, इस धारा के तहत, दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन, जिसमें पूजास्थल पर जाना, सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करना आदि शामिल हैं, सभी को इस धारा के तहत अपराध माना जाएगा। इस धारा के तहत, 1 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, यदि दोषी व्यक्ति के किसी काम से जानमाल का नुकसान होता है तो दो साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।

धारा 53 के तहत : धन/सामग्री का दुरुपयोग करने आदि के लिए

यदि कोई व्यक्ति राहत कार्यों/प्रयासों के लिए किसी भी पैसे या सामग्री का दुरुपयोग, अपने स्वयं के उपयोग के लिए करता है या उन्हें ब्लैक में बेचता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत दो साल तक की सजा एवं जुर्माना हो सकता है।

धारा 54 के तहत: झूठी चेतावनी के लिए

यदि कोई व्यक्ति एक झूठा अलार्म या आपदा के बारे में चेतावनी देता है, या इसकी गंभीरता के बारे में झूठी चेतावनी देता है, जिससे घबराहट फैलती है तो इसके तहत एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 55 के तहत: सरकारी विभागों के अपराध के लिए

इसके तहत यदि कोई अपराध सरकार के किसी विभाग द्वारा किया गया है तो वहां का विभाग प्रमुख दोषी माना जाएगा और जब तक कि वह यह साबित नहीं कर देता कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था, अपने विरुद्ध कार्रवाई किए जाने और दंड का भागी होगा।

धारा 56 के तहत: अधिकारी के कर्त्तव्य पालन न करने पर

यदि कोई सरकारी अधिकारी, जिसे लॉकडाउन से संबंधित कुछ कर्तव्यों को करने का निर्देश दिया गया है, और वह उन्हें करने से मना कर देता है, या बिना अनुमति के अपने कर्तव्यों को पूरा करने से पीछे हट जाता है तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत एक साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।

धारा 57 के तहत: अपेक्षित आदेश का उल्लंघन होने पर

यदि कोई व्यक्ति इस तरह के अपेक्षित आदेश (धारा 65 के अधीन) का पालन करने में विफल रहता है, तो वह इस धारा के अंतर्गत दोषी ठहराया जा सकता है। इस धारा के तहत एक साल तक की सजा और जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है।

अधिनियम की अन्य धाराएं (धारा 58, 59 और 60)

इस अधिनियम की धारा 58, कंपनियों के अपराध से सम्बंधित है। इसके अलावा, धारा 59 अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी (धारा 55 और धारा 56 के मामलों में) से सम्बंधित है, वहीं धारा 60 न्यायालयों द्वारा अपराधों के संज्ञान से सम्बंधित है।

सरकारी कर्मचारियों पर धारा 188 के अनुसार एक्शन

इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करने पर ये धारा 188 लगाई जा सकती है। यहां तक कि किसी के ऊपर ये धारा लगाने व कानूनी कार्रवाई करने के लिए ये भी जरूरी नहीं कि उसके द्वारा नियम तोड़े जाने से किसी का नुकसान हुआ हो या नुकसान हो सकता हो।

सजा और जुर्माने के दो प्रावधान हैं


पहला - सरकार या किसी अधिकारी द्वारा दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं या आपसे कानून व्यवस्था में लगे व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है, तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों।

दूसरा - आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों। दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है।

आपको बता दे, देश में कोरोना के संक्रमित मामलों में तेजी आ गई है। देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 5,185 तक पहुंच गई है। शनिवार रात तक 205 मौतें हुईं। इनमें महाराष्ट्र में 99, गुजरात में 27 और दिल्ली में 18 मौतें हुईं। महाराष्ट्र में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। यहां हर 14 मिनट में 1 मौत हो रही है, जबकि हर घंटे 91 मामले सामने आ रहे हैं।

शुक्रवार को देश में रिकॉर्ड 269 संक्रमितों की मौत हुई थी। इनमें महाराष्ट्र में 116, दिल्ली में 82 और गुजरात में 20 मरीजों की जान गई। इसके अलावा तमिलनाडु में 9, राजस्थान में 2, पश्चिम बंगाल में सात लोगों की जान गई। राजस्थान, पंजाब और ओडिशा में 2-2 लोगों की मौत हुई। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, केरल और छत्तीसगढ़ में 1-1 संक्रमित ने दम तोड़ा था।

भारत में कोरोना संक्रमण के 1,81,796 मामले सामने आ चुके है।आज शनिवार को 8301 नए मामले सामने आए है।

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