चक्रवात 'अम्फान' छोड़ गया बर्बादी का ऐसा भयानक मंजर, तस्वीरें...
By: Pinki Thu, 21 May 2020 10:01:44
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवात 'अम्फान' से भारी तबाही हुई है। दोनों स्थानों पर पेड़ उखड़ गए। बिजली के पोल जमीन पर आ गिरे। चीजें हवा में उड़ने लगी। बुधवार को हवा की रफ्तार 190 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच गई थी। तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में 12 लोगों की मौत हो गई। मौतों की जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था। पश्चिम बंगाल में 10-12 और ओडिशा में 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। बंगाल के मुकाबले ओडिशा में तूफान का कहर कुछ कम रहा। यहां ज्यादा असर बालासौर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में दिखा लेकिन इन इलाकों में भी हवा की रफ्तार 110 किमी से ज्यादा नहीं रही। देर रात तक तेज बारिश और तूफानी हवाएं दोनों राज्यों को झकझोरती रही।
As Cyclone Amphan hit eastern India and Bangladesh, evacuation of millions were complicated by the coronavirus pandemic https://t.co/SE1czVDnJ7 pic.twitter.com/xwUmuiZYc3
— Reuters (@Reuters) May 20, 2020
#Amphan reaches #Kolkatta ... Howrah Bridge... #AmphanSuperCyclone pic.twitter.com/KW7nuNhYxw
— Rammohan (@jaijagan143) May 20, 2020
अम्फान तूफान ने ओडिशा और बंगाल के लोगों को चंद घंटों में ही कयामत की झलक दिखा दी। तूफान की रफ्तार जब तक थमी, कोलकाता में सबकुछ उलट पुलट हो चुका था। कोलकाता में सचिवालय को भी क्षति पहुंची है। गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थी। सड़कों पर पेड़ उखड़े पड़े थे। बड़े बड़े होर्डिंग, बिजली के पोल औंधे मुंह गिरे हुए थे। ममता का कहना है कि तूफान की वजह से हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सही आकलन करने में 3-4 दिन लगेंगे। ममता ने साइक्लोन से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
Glimpses of #Amphan: Bay of Bengal at #Digha today morning at 10.00 am #AmphanCyclone #CycloneAmphan pic.twitter.com/KQUpbsIU4a
— Meteorological Centre, Bhubaneswar (@mcbbsr) May 20, 2020
तबाही का मंजर बंगाल में कई जगहों पर है, तूफान के गुजर जाने के बाद उसके गहरे निशान हर तरफ पसरे हैं। राहत टीमें टूटे पेड़ों को सड़कों से हटाने में जुटी हैं, लेकिन काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। सड़कों पर पानी भरा होने के चलते राहत काम में और भी मुश्किल आ रही है।
बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं।
तूफान बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे कोलकाता पहुंचा। शाम साढ़े सात बजे हवा की रफ्तार धीमी हुई। इन 5 घंटों में तूफान काफी तबाही मचा चुका था। तूफान आने से पहले ही 6.6 लाख लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिए गए थे। बंगाल में पिछले तीन दिन में 5 लाख लोग तटीय इलाकों से हटाकर शेल्टर होम पहुंचा दिए थे। ओडिशा में 1.6 लाख लोग रेस्क्यू किए गए। मौसम विभाग के डीजी मृत्युंजय महापात्रा का कहना है कि तूफान के रास्ते और समय का सही आकलन होने से रेस्क्यू में काफी मदद मिली।
अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा। तूफान की चपेट में आने वालों की मदद के लिए एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बल भी तैनात थे। कई लोगों को अस्पताल भी पहुंचाया गया लेकिन सभी लोग इतने खुशकिस्मत नहीं रहे। भुवनेश्वर मौसम विभाग के डायरेक्टर एचआर बिश्वास ने कहा कि अम्फान एक गंभीर चक्रवातीय तूफान की तरह गुजरा। गुजरते वक्त यह इसकी गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे थी, जो बढ़कर 185 तक हो गई।
तूफान की रफ्तार से बंगाल के मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और ओडिशा के 9 जिले पुरी, गंजम, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रापाड़ा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर सीधे प्रभावित हुए हैं।
West Bengal: Trees uprooted & waterlogging in several parts of Kolkata in wake of #CycloneAmphan. The cyclone is very likely to weaken into a deep depression during the next 3 hours as per India Meteorological Department (IMD). pic.twitter.com/f81DZw3a0W
— ANI (@ANI) May 21, 2020