हमारी हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी स्थिति में कुछ रेखाएं होती हैं, इन रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है। हथेली का ये हिस्सा भी व्यक्ति की उम्र और भाग्य से जुड़ी कई बातें बता देता है। मणिबंध देखकर व्यक्ति की संभावित उम्र भी मालूम की जा सकती है।
हस्तरेखा के संबंध में यह ध्यान रखना चाहिए कि पुरुषों के दाएं हाथ और महिलाओं के बाएं हाथ का अध्ययन विशेष रूप से करना चाहिए। सभी लोगों के हाथों की मणिबंध में रेखाओं की संख्या अलग-अलग होती है।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध पर सिर्फ एक ही रेखा हो और वह श्रेष्ठ गुणों वाली है तो यह सुख की दृष्टि से शुभ है। यहां शुभ लक्षण का अर्थ है कि मणिबंध की रेखा कलाई के चारों ओर हो और उसमें जौ के आकार के यव की लड़ियां हों और रेखा टूटी हुई ना हो तो व्यक्ति कम उम्र में ही कई उल्लेखनीय कार्य करता है। धन संबंधी सुख भी प्राप्त होते हैं।
मणिबंध पर एक ही रेखा हो तो उम्र के लिहाज़ से अच्छी नहीं मानी जाती है। यदि मणिबंध पर एक रेखा हो और हथेली में कोई शुभ लक्षण ना हो तो व्यक्ति अल्पायु हो सकता है।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध पर दो रेखाएं हों, वे टूटी हुई ना हों, जौ के आकार के यव वाली लड़ियां हों, कलाई के चारों ओर हों तो यह शुभ लक्षण होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में सभी सुख-सुविधाएं रहती हैं।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली में मणिबंध की दो रेखाएं हैं और यहां बताए गए शुभ लक्षण नहीं हैं तो वे रेखाएं बताती हैं कि व्यक्ति को जीवन में कठिन परिश्रम करना होगा।
मणिबंध में दो रेखाएं शुभ लक्षण वाली हो तो उम्र करीब 45 से 55 वर्ष तक हो सकती है। जबकि इन दो रेखाओं पर अशुभ लक्षण होने से उम्र में कमी आने की संभावनाएं रहती है।
यदि किसी व्यक्ति की हथेली के मणिबंध पर तीन रेखाएं हों और वे रेखाएं कहीं से टूटी हुई ना हो और कलाई के चारों ओर हों, रेखाओं में जौ के आकार की लड़ियां बनी दिखाई देती हों तो ऐसी रेखाएं व्यक्ति को भाग्यशाली बनाती हैं। ऐसा मणिबंध होने पर व्यक्ति सभी प्रकार के सुख प्राप्त करता है।
यदि मणिबंध में तीन रेखाएं हों और वे टूटी हुई दिखाई देती हैं तो यह अशुभ लक्षण होता है। ऐसी रेखाएं जिन लोगों के हाथ में होती हैं, वे कड़ी मेहनत के बाद ही कुछ सफलता या सकारात्मक फल प्राप्त कर पाते हैं। इनके जीवन में संघर्ष अधिक होता है।