क्या PM मोदी के इस बयान ने दिए महाराष्ट्र में NCP के साथ बीजेपी की दोस्ती के संकेत!
By: Pinki Mon, 18 Nov 2019 7:49:22
राज्यसभा के 250वें सत्र के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्यों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा इस सदन ने देश को दूरदर्शी बनाया और सत्ता पक्ष को निरंकुश होने से रोके रखा। पीएम मोदी ने कहा सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने आपको ढालने का प्रयास किया। इसके लिए सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। यह हमारी विकास यात्रा का प्रतिबिम्ब है। वैश्विक परिदृश्य में भारत किस तरह से नेतृत्व की क्षमता रखता है, यह इस सदन से पता चलता है।
पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व पीएम अटल विहारी वाजपेयी ने 2003 में राज्यसभा के 200वें सत्र के दौरान कहा था कहा था कि किसी को भी हमारे सेकंड हाउस को सेकंडरी हाउस बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हमें इसे आत्मसात करना चाहिए कि संसद का सेकंड हाउस कभी सेकेंडरी हाउस नहीं हो सकता। आज के समय में अटलजी की बात को कहना चाहूंगा कि राज्यसभा को भारत के विकास के लिए सपोर्टिव हाउस बने रहना चाहिए। जब हमारी संसदीय प्रणाली के 50 साल हुए थे, तब अटलजी ने कहा था कि एक नदी का प्रवाह तभी तक अच्छा रहता है, जब तक कि उसके किनारे मजबूत होते हैं। उन्होंने कहा था कि भारत के संसदीय प्रवाह का एक किनारा लोकसभा है और दूसरा किनारा राज्यसभा है। ये दो मजबूत रहेंगे तभी लोकतांत्रिक परंपराओं का प्रवाह सही तरह से आगे बढ़ेगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने एनसीपी और बीजू जनता दल (बीजेडी) की भी तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि इन दोनों दलों से हम सभी को सीखने की जरूरत है, बीजेपी को भी। पीएम मोदी ने कहा, 'चेक ऐंड बैलेंस का सिद्धांत राज्यसभा के लिए लागू होता है। जरूरी है कि हम रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनें। दो दलों का जिक्र करना चाहूंगा- एनसीपी और बीजेडी। दोनों दलों ने खुद ही तय किया है कि हम वेल में नहीं जाएंगे। उन्होंने इस नियम को कभी नहीं तोड़ा। हम सभी को इनसे सीखने की जरूरत है। वेल में न जाकर भी लोगों का दिल, विश्वास जीत सकते हैं, यह इन दोनों पार्टियों ने दिखाया है। जब हम विपक्ष में थे तो हम भी यही काम करते थे, इसलिए हमें भी सीखने की जरूरत है।' पीएम ने ऐसे वक्त एनसीपी की तारीफ की है जब महाराष्ट्र में सियासी हलचल काफी तेज है और पवार की पार्टी बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में है।
पीएम मोदी ने भले ही संसदीय कामकाज को लेकर यह सराहना की है, लेकिन उनकी इस टिप्पणी के दूर तलक मायने निकाले जा रहे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना की ओर से एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार गठन की कोशिशों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस बयान के जरिए बीजेपी ने एनसीपी के साथ दोस्ती के संकेत दिए हैं। इन कयासों को शरद पवार के सरकार गठन को लेकर पूछे गए सवाल पर कोई ठोस जवाब न देने से और बल मिला है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए बीजेपी और शिवसेना से पूछा जाना चाहिए।