बालाकोट हमले के महीने भर बाद पत्रकारों को मदरसा दिखाने ले गई पाक आर्मी

By: Pinki Fri, 29 Mar 2019 6:52:00

बालाकोट हमले के महीने भर बाद पत्रकारों को मदरसा दिखाने ले गई पाक आर्मी

बालाकोट एयरस्ट्राइक के करीब एक महीने बाद पाकिस्तान सेना पत्रकारों के एक ग्रुप को उस घटनास्थल पर लेकर गई जहां पर जैश के टेरर कैम्प पर भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक कर आंतकी कैम्प को तबाह कर दिया था। हालांकि सच जानने गए पत्रकारों को यहां भी निराशा हाथ लगी। बालाकोट के कुछ इलाके अभी भी पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बलों ने घेर रखे हैं और यहां पर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक बालाकोट स्थित मदरसे में अभी भी 300 बच्चे मौजूद हैं। ये पूरी जानकारी खुफिया सूत्रों ने आजतक को दी है। पर जैश के टेरर कैम्प पर भारतीय वायु सेना ने एयर स्ट्राइक कर आंतकी कैम्प को तबाह कर दिया था।

सूत्रों ने बताया कि 28 मार्च को पाकिस्तान सेना पत्रकारों के एक समूह को हेलिकॉप्टर के जरिए बालाकोट लेकर गई। सूत्र ने कहा, 'उन्हें हेलिकॉप्टर के जरिए लोकेशन पर ले जाया गया, उन्हें बच्चों से बात करने की इजाजत थी, उन्हें वीडियो भी बनाने का मौका दिया गया।' खुफिया सूत्रों ने कहा कि घटनास्थल का कुछ हिस्सा अभी भी कवर रखा गया है, वहां पर किसी को जाने की इजाजत नहीं है, उस जगह की हिफाजत फ्रंटियर कॉर्प्स के जवान कर रहे हैं। फ्रंटियर कॉर्प्स पाकिस्तान की अर्द्धसैनिक बलों की एक टुकड़ी है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक 28 मार्च को पत्रकार 10 बजे सुबह से 3:30 बजे तक तक घटनास्थल पर मौजूद रहे।

रक्षा मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने बालाकोट का हुलिया बदल कर दुनिया को ऐसा दिखाने को कोशिश की है, जिससे लगे कि ये कोई आम मदरसा है। 28 मार्च को 8 मीडिया टीम के सदस्‍यों को बालाकोट कैम्प के अंदर ले जाने से पहले 300 के करीब बच्चों को कैम्प में बिठा दिया गया था, सभी बच्चों को पहले आए ब्रीफिंग कर ये समझा दिया गया था कि उन्हें मीडिया के सामने क्या बोलना है।

बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के 12 दिन बाद 26 फरवरी को रात 3:30 बजे भारत ने पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में एरियल स्ट्राइक की थी। वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज द्वारा इस हमले में तकरीबन 1000 किलो बम गिराए गए थे। भारत की इस कार्रवाई में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना तबाह हो गया था।

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान भारतीय वायुसेना की कार्रवाई से इस तरह डरा हुआ है कि उसने सभी आतंकी गुटों से कहा है कि वह पाक अधिकृत टेरर कैम्प से बाहर निकलने के दौरान पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनें, जिससे भारतीय एजेंसियो की रडार में आने से वह बच सकें। पाकिस्तानी सेना, आईएसआई ने इस महीने 16 मार्च को आतंकियों के टॉप कमांडर्स के साथ बैठक कर ये निर्देश दिया है।

भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने 27 फरवरी को कहा कि इस ट्रेनिंग कैंप में छिपे जैश के आतंकियों का भारत ने खात्मा कर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनकी संख्या 300 से ज्यादा थी। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि भारत के हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन पिछले एक महीने से पाकिस्तान ने इस जगह को घेर रखा है। यहां पर पाकिस्तान के अर्द्धसैनिक बल, स्थानीय पुलिस तैनात है। इस जगह के आस-पास किसी को जाने की इजाजत नहीं है।

मीडिया एजेंसी रॉयटर्स की टीम ने 28 फरवरी से लेकर 8 मार्च के बीच तीन बार बालाकोट में जाने की कोशिश की, लेकिन तीनों ही बार उन्हें पाक सेना ने मना कर दिया। पाक सेना ने कभी खराब मौसम का हवाला दिया तो कभी सुरक्षा कारणों का। इंडिया टुडे ने अपने स्टिंग ऑपरेशन से खुलासा किया था इस हमले में आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना के जवान भी मारे गए हैं।

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक आतंकियो के कई कैम्प पाकिस्तानी सेना के कैम्प में शिफ्ट किये जा रहे हैं और इन कैंप के बाहर पाकिस्तानी सेना का कड़ा पहरा बैठा दिया गया है।

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