भारत ही नहीं विदेशों में भी मनाई जाती हैं दिवाली, इस तरह किया जाता हैं सेलेब्रेशन
By: Ankur Sat, 07 Nov 2020 6:54:27
दिवाली का पावन पर्व अपने साथ खुशियां लेकर आता हैं और इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं। भारत के हर क्षेत्र में इस दिन दीपक जलाकर उजाला किया जाता हैं और सकारात्मकता का संचार होता हैं। लेकिन ऐसा नहीं हैं कि यह सिर्फ भारत में ही बनाया जाता हैं बल्कि विदेशों में भी दिवाली के पावन पर्व को सेलेब्रेट किया जाता हैं। भारत की यह संस्कृति विदेशों में भी बहुत पसंद की जाती हैं और उत्साह के साथ मनाई जाती हैं।
जापान
जापान के योकोहामा शहर में दो दिवसीय दिवाली का आयोजन होता है। इन दो दिनों में अलग- अलग तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। लाखों की संख्या में लोग नाच-गाना करते हैं। लोग अलग-अलग तरह के मुखौटे पहनते हैं जिनमें अधिकतर बहुत मजाकिया होते हैं, रसोई से जुड़े होते हैं। इस दो दिवसीय दिवाली में भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं।
मलेशिया
मलेशिया में दिवाली को हरी दिवाली कहा जाता है। यहां के रीति-रिवाज भारत से भिन्न होते हैं। इस देश के लोग दिवाली की शुरूआत शरीर पर तेल लगाकर करते हैं। इसके बाद मंदिरों में जाकर यश, समृद्धि और सुख की प्रार्थना करते हैं। मलेशिया में तमिल-हिंदु रहते हैं इसलिए यहां के पूजा- पाठ में भी साउथ की झलक नजर आती है।
त्रिनिदाद और टोबैगो
कैरेबियन सागर के द्वीपों पर भी दिवाली का उत्साह देखते ही बनता है। यहां त्रिनिदाद और टोबैगो कम्यूनिटी मुख्य रुप से दिवाली मनाती है। दिवाली के दिन यहां मंच पर नाटक के माध्यम से हिंदु संस्कृति के बारे में बताया जाता है। पारंपरिक वेशभूषा में सभी कलाकार त्योहारों से जुड़ी कहानियां भी बताते हैं। लजीज व्यंजन भी तैयार किये जाते हैं।
मॉरिशस
मॉरिशस में छोटे-छोटे द्वीपों पर दिपावली का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन यहां सार्वजिनक अवकाश होता है। लोग यहां घर की सफाई करने में बहुत विश्वास रखते हैं, उनकी ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सारी नकारात्मक ऊर्जा चले जाती है। दिवाली के दिन यहां रावण दहन भी होता है। मॉरिशस के ट्रायोलेट गांव को पूरा सजाया जाता है और भारी मात्रा में लोग यहां एकत्रित होते हैं।
नेपाल
नेपाल के लोग दिवाली को तिहार कहते हैं। भारत की ही तरह यहां भी दीपोत्सव पांच दिन का होता है। जिसमें पहले दिन गाय को चावल खिलाये जाते हैं, दूसरे दिन कुत्तों को अलग- अलग पकवान खिलाना, तीसरे दिन लक्ष्मी पूजन, चौथे दिन यम पूजा होती है और पांचवे दिन भैया दूज मनाई जाती है। कुकुर तिहार अर्थात दूसरे दिन का यहां बहुत उत्साह रहता है।
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