इन मन्त्रों से लक्ष्मी को रिझाएं

दीपावली दीप दान का ज्योति पर्व भी है। इस दिन भगवती महालक्ष्मी एवं भगवान गणेश की नूतन प्रतिमाओं और चित्रों का प्रतिष्ठापूर्वक विशेष पूजन किया जाता है।

पूजन के लिए किसी चौकी अथवा कपड़े के पवित्र आसन पर गणेश जी के दाहिने भाग में माता महालक्ष्मी को स्थापित करना चाहिए। दीपावली कालरात्रि होती है। इस दिन यंत्र-तंत्र-मंत्र की सिद्धि शीघ्र हो जाती है। दीपावली लक्ष्मीजी को रिझाने का दिन होता है। दीपावली की रात्रि को आठों दिशाओं में महालक्ष्मी के पास कुंकुम, अक्षत तथा पुष्पों से एक-एक नाम मंत्र पढ़ते हुए आठ लक्ष्मियों का पूजन करें-

ओम आद्यलक्ष्म्यै नम:,
ओम विद्यालक्ष्म्यै नम:,
ओम सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:,
ओम कामलक्ष्म्यै नम:,
ओम सत्यलक्ष्म्यै नम:,
ओम भोगलक्ष्म्यै नम:,
ओम योगलक्ष्म्यै नम:।


दीपावली के दिन श्री यंत्र, कुबेर यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, कनक धारा यंत्र, सरस्वती यंत्र, गणेश-लक्ष्मी यंत्र, मृत्युंजय यंत्र, वास्तु यंत्र, विष्णु यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कार्य सिद्धि यंत्र, संतान गोपाल यंत्र आदि की आवश्यकता अनुसार पूजन कर यथास्थान रखने से घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है, आरोग्य की प्राप्ति होती है। वर्ष भर प्रतिदिन कमलगट्टे की माला से किसी भी लक्ष्मी मंत्र का एक माला जप करते रहें।
Share this article